Patanjali had beautifully elaborated yoga in just 195 sutras. But, these sutras are formulaic so it was almost impossible for a common man to decode them. There exists many interpretations of it, Vyasa Bhashya being the oldest. However, most of them are purely intellectual and linguistic interpretations and not written by practitioners and masters of yoga.
योग सूत्र हिंदी – महर्षि पतंजलि द्वारा रचित योग सूत्र या योग दर्शन योग का पहला ग्रंथ तो है ही साथ में यह योग का अद्वितीय एवं सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है ।यद्यपि योग की खोज इस ग्रंथ के लिखने के हज़ारों वर्ष पूर्व हो गयी थी और सभी भारतीय आध्यात्मिक ग्रंथों में इसका सम्मान पूर्वक उल्लेख भी मिलता है किंतु वहाँ हर जगह इसका ज्ञान बिखरा हुआ है । योग दर्शन, केवल योग का ही ग्रंथ है । योग दर्शन सूत्रात्मक भाषा में लिखा गया है इसलिए यह बहुत ही संक्षिप्त है बिना इसकी व्याख्या के इसे समझा ही नहीं जा सकता है । श्रीमान व्यास ने इसका प्रथम भाष्य लिखकर योग दर्शन को समझने लायक़ तो बना दिया किंतु इसके अधिकतर भाष्य विद्वानों के द्वारा लिखे गए न कि साधकों द्वारा । विद्वान भाषानुगत अनुवाद करते हैं न कि उनका आध्यात्मिक भाष्य करते हैं । इसलिए वे लेखक के विचारों में और भी अधिक मिर्च – मसाला लगा देते हैं । हमने उसकी आध्यात्मिक व्याख्या करने का प्रयास किया है । इसलिए उनके आध्यात्मिक सूत्रों की सरल व्याख्या कर उन्हें जन सामान्य के समझने के योग्य बनाने का तो प्रयास किया ही गया है साथ में उन सूत्रों का जिनसे न तो साधना से मतलब है और न ही उनकी वास्तविक जीवन में सत्ता ही होती है। वे केवल काल्पनिक और अवैज्ञानिक हैं । आसमान में उड़ना, ज़मीन के अंदर घुस जाना, हज़ार और लाखों हाथियों का बल आ जाना, पूर्व जन्म के विषय में जान लेना आदि जैसी सिद्धियाँ केवल झूँठ का पुलिंदा हैं ।
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